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भारतीय कला की भूमिका

भारतीय कला की भूमिका
Author: भगवत शरण उपाध्याय
ISBN: 8170071488
Edition: 2007
Multiple Book Set: No

ललित आकलन कला है. कालिदास ने '' ललिते कलाविधो " का जो " रघुवंश " में उल्लेख किया है वे इसी प्रसंग में है. अभिराम अंकन चाहे वह वाग्विलास के क्षेत्र में हो , चाहे वास्तु - शिल्प में , है वह कला . प्रकृति जो देती है वह कलाकार नहीं देता . न कलाकार प्रकृति का यथातथआ रूपायन ही करता है . यह कार्य छायाशिल्पी या फोटोग्राफर का है . कला प्रकृति को अपनी द्रष्टि से देखती है . कलाकार द्रश्य में पैठकर , प्राय : उस से एकीभाव होकर उसे देखता है और सिरजता है .

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