Author: |
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ISBN: |
8170070562 |
Edition: |
1994 |
Multiple Book Set: |
No |
हमारी देश की परस्थितिओं की यह कैसी विडंबना है के जो कथा - कहानियांदेश के बटवारे के विषय को ले कर लिखी गयी थी . वह आज भी सांगत हो रही हैं . सोचा था वह दुःस्वपन - सा भयावह कालखंड , अतीत के गर्त में खो जायेगा , हम उन कहानियों के माध्यम से , उसे कभी कभी याद कर लिया करेंगे के कोई ऐसा भी हमारा इतिहास का परिछेद था , जब हमारे शांतिप्रिय लोग एक दुसरे के खून के प्यासे हो गए थे .
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