Author: |
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ISBN: |
9788170072164 |
Edition: |
जनवरी 2010 |
Multiple Book Set: |
No |
कहानी के विकास को दर्शकों में विभाजित करना बहुत कठिन है . ऐसा इस लिए क्यों के किसी भी कहानीकार के उत्थान और विकास को एक ही दर्शक में देखना संभव नहीं है . एक दर्शक तोह किसी भी कहानीकार की शुरुवात और अपनी पहचान बनाने के लिए ही होता है लेखक अगर लगातार सक्रिय हो तो उन्हें किसी भी दशक में समेटना संभव नहीं है . 1