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समाजवाद के नवीकरण

समाजवाद के नवीकरण
Author: चतुरानन मिश्रा
ISBN: 8170071909
Edition:
Multiple Book Set: No

लम्बे समय के कम्युनिस्ट आंदोलन के अनुभव के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ के भारतीय वामपंथी आंदोलन में कुछ ऐसी मौलिक खामिया है जिस से हम अब लगातार ठहराव में हैं अब तोह सोवियत संघ के विघटन के बाद मौलिक सैद्धांतिक प्रश्न उठ खड़े हुए हैं जिनकी चर्चा वभिन्न लेखों में इस इस पुस्तक में की गयी है

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