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अगस्त 2011 |
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सुदूर अतीत से पीढ़ी - दर - पीढ़ी कहि - सुनी जाने वाली मनमोहक लोककथाएं हमे जादुई दुनिया और उसके पात्रों से परिचित कराती रही है , इन कथाओं में हास्य , चातुर्य और लोक प्रतिभा की झिलमिलाहट है , ये कथाएं वाचकों के द्वारा सिर्फ कथ्य रूप में प्रसारित होती रही है , इसी लिए कथाओं को लोक कथाएं कहते हैं .
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