Author: |
साधुराम दर्शक |
ISBN: |
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Edition: |
9788170072768 |
Multiple Book Set: |
No |
लेखक लिखता क्यों है ? आखिरकार साहित्य , संस्कृति की जरूरत ही क्या है ? यह जीवन के सारतत्व को खोजने की एक प्रिक्रिया है , जिसका सटीक उतर शायद ही किसी के पास हो . इस प्रिक्रिया में ही जीवन की अनेक परतें खुलती हैं , के परिणीति की चिंता , सवतय : भूल जाती है और आईएएस सम्पूर्ण प्रिक्रिया से सर्जक की सिर्जन के प्रति निष्ठां अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है ातत्य पाठक भी इस प्रिक्रिया में शामिल हो जाता है
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