Author: |
कन्हैया |
ISBN: |
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Edition: |
1983 |
Multiple Book Set: |
No |
हिंदी में नाटकों की एक लम्बी परम्परा रही है . मंचन के क्षेत्र में भी समय समय पर विविध प्रयोग किये गए है . जन - नाट्य क़ो मजदूरों , किसानो , मध्य वर्गी लोगों तथा नगरों वे कस्बों के गरीबजनो के बीच ले जाने में विशेष भूमिका अदा की है . मेडेलिन के लेखक कन्हैया जी स्वंयं जन - नाट्य संघ से अभिन्न रूप से जुड़े रहे है . प्रस्तुत नाटक की यह प्रथम विशेषता है .
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